नई दिल्ली-
ग्लोबल हैंडवाशिंग डे की शुरुआत सन 2008 में की गई थी इसका मकसद लोगों को स्वस्थ रखने के लिए हाथ धोने के प्रति प्रेरित करना था ,ग्लोबल हैंडवाशिंग डे प्रतिवर्ष 15 अक्टूबर को मनाया जाता है ,
खाना खाने के बाद एवं खाना खाने से पहले हाथ हमें दो लेने चाहिए क्योंकि इससे किसी भी प्रकार की बीमारियां हमारे हाथों से मुंह में प्रवेश करने से बस जाती है कोरोना विषाणू फैलने के बाद लोगों की हाथ धोने के प्रति सजगता में बेहद बढ़ावा मिला है
यहां तक कि कुछ लोग जो हाथ धोने के प्रति ज्यादा ध्यान नहीं देते थे वह भी अब हाथ धोने के प्रति ध्यान देने लगे हैं
इसका मुख्य कारण यही है कि लोग अब बीमारियां कैसे फैलती है इसकी समझ धीरे-धीरे विकसित करने लगे हैं इससे अब यह प्रतिदिन की आदत बन गई है
लेकिन अब भी जो लोग हाथ नहीं होते उनसे यही कहना है कि वह अपने हाथ दोहे ताकि वह भी हर प्रकार की बीमारियों से बच सके
जाने आख़िर क्यों मनाया जाता है ग्लोबल हैंडवाशिंग डे
ग्लोबल हैंडवाशिंग डे की पहली शुरुआत सन 2008 में स्वीडन में हुई थी , Handwashing Partnership ने स्वीडन में आयोजित वर्ल्ड वॉटर वीक में इस दिवस की पहल की थी,
Partnership commity के सदस्यों में कोलगेट, पामोलिव, FHI 360, प्रॉक्टर एंड गैंबल, यूनिसेफ, यूनिलिवर एवं वर्ल्ड बैंक शामिल थे।
सन 2014 को भारत के मध्य प्रदेश को हैंड वॉशिंग में गिनीज वर्ल्ड बुक में अपना नाम दर्ज किया था
बता दें कि ग्लोबल हैंडवाशिंग डे का मुख्य उद्देश्य लोगों को साबुन से हाथ धोने के लिए प्रेरित करना है जिससे उन्हें किसी प्रकार की बीमारियां ना हो.
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