जानिए भारत की s-400 लाने की तेज कोशिशों और चीन की स्थानीय जनता में सिविल वार के खतरे के बारे में

 भारत के रक्षा क्षेत्र में नए प्रयास

 भारत चीन के बढ़ते भारी तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस के परेड में गए इस दौरे का सीधा मकसद रूस से एस फोर हंड्रेड मिसाइल सिस्टम जल्द से जल्द लेना है भारत जल्द ही इस मिसाइल सिस्टम को रूस से लेगा ताकि भारत चीन के बीच तनाव को कम किया जा सके माना जाता है कि s-400 दुनिया के सबसे बेहतरीन एयर डिफेंस सिस्टम में से एक है हालांकि यह सिस्टम सीने रूस से 2018 में ही प्राप्त कर लिया था
 लद्दाख की गलवान घाटी में बढ़ते तनाव में यह अत्यंत महत्वपूर्ण है आपको बता दें कि जून में हुई भारत की ना सीमा पर झड़प में भारत ने अपने 20 जवान खोए थे जिनमें एक कर्नल संतोष बाबू भी शामिल है इसलिए भारत ऐसी चिंताजनक स्थिति में जो राष्ट्र के लिए चुनौती है से निपटने के लिए सक्षम प्रयास करेगा बात यह नहीं है कि भारत और जाएगा बल्कि यह है कि भारत अपनी सामने आने वाली हर चुनौतियों से साहस पूर्व मिटेगा भारतीय जानते हैं कि चीन हथियारों की होड़ में भारत से कहीं आगे हैं लेकिन यह नहीं जानते कि भारतीय लोगों को सैनिकों की भारत के प्रति क्या संवेदना है भारत के लोग भारत की अखंडता के लिए लड़ते हैं जबकि चीन में ऐसा नहीं है चीन की सेना वहां की स्थानीय पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए लड़ती है और चीन की वर्तमान स्थितियों से लगता है कि भविष्य में चीन को किसी प्रकार का सिविल वार भी देखना पड़ सकता है अगर ऐसा होता है तो यह भारत के लिए अच्छा है क्योंकि दुश्मन कमजोर पड़े या वहां की स्थानीय सरकार बदले इससे भारत के प्रति वहां के लोगों के प्रति अच्छे अभिव्यक्ति दिखेगी तो चलिए बात करते हैं फिर से रक्षा उपकरण S-400 के बारे में

 s-400 मिसाइल सिस्टम भारत ने रूस से लगभग 39000 करोड रुपए में अंतिम सौदा किया था कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ह s400 कोरोनावायरस महामारी के चलते भारत में आने में देरी हो सकती है हालांकि रूस के राजदूत ने बताया कि इसमें किसी प्रकार की देरी नहीं होगी अगर देरी होती है तो वह भविष्य में बताएंगे

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